पाषाण काल

पाषाण काल एक प्राचीन काल का अवधि था, जिसमें मानव समुदाय ने अपने जीवन को संचालित किया। इस काल में मानव ने पहली बार पत्थर के औजारों का उपयोग किया। इस आधुनिकतम चरण के दौरान, मानव अपने पर्यावरण के साथ संघर्ष करके अपने जीवन की सुरक्षा और आजीविका की देखभाल करने के लिए पत्थर के उपकरणों का उपयोग किया। यह काल मानव सभ्यता के विकास के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसमें मानव ने आग, खाने के प्राप्य औजार, और अन्य जीवन के आधुनिक तरीकों का उपयोग सीखा। पाषाण काल का अध्ययन हमें मानव समुदाय के प्रारंभिक स्तर की जीवन शैली और संसाधनों के प्रयोग की समझ में मदद करता है।

1. भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है ?

[A] नीलगिरि पहाड़ियां
[B] शिवालिक पहाड़ियां
[C] नल्लमाला पहाड़ियां
[D] नर्मदा घाटी

सही जवाब: D [ नर्मदा घाटी ]
टिप्पणियाँ: भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य नर्मदा घाटी पर मिला है। यहां पर पाए गए खुदाई के प्रमाणों से पता चलता है कि प्राचीन मानव यहां बसे थे और यहां के पाषाण युगीन औजार और अन्य अवशेषों से सिद्ध होता है कि यहां पर पाषाण कालीन मानव समुदाय निवास करता था।

 

 

2. रॉबर्ट ब्रूस फुट थे, एक-

[A] भूगर्भ-वैज्ञानिक
[B] इतिहासकार
[C] पुरावनस्पतिशास्त्री
[D] इनमे से कोई नहीं

सही जवाब: A [ भूगर्भ-वैज्ञानिक ]
टिप्पणियाँ: इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, रॉबर्ट ब्रूस फुट ब्रिटिश भूगर्भ वैज्ञानिक और पुरातत्वविद् थे। जियोलॉजिकल सर्वे से संबद्ध रॉबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में भारत में पाषाणकालीन बस्तियों के अन्वेषण की शुरुआत की।

 

 

3. कोपेन हेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था-

[A] थॉमसन ने
[B] लुब्बाक ने
[C] टेलर
[D] चाइल्ड ने

सही जवाब: A [थॉमसन ने]
टिप्पणियाँ: डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय में 1818 और 1820 में एक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था। यद्यपि थॉमसन ने 1836 ई. में इसी वर्गीकरण के अनुसार, संग्रहालय की वस्तुओं का विवरण प्रकाशित किया था।

 

 

4. उत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था-

[A] निचले पूर्वपाषाण काल में
[B] मध्य पूर्वपाषाण काल में
[C] ऊपरी एवं पाषाण काल में
[D] मध्यपाषाण काल में

सही जवाब: D [ मध्यपाषाण काल में ]

टिप्पणियाँ: मध्यपाषाण काल के अंतिम चरण में पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। ऐसे पशुपालन के साक्ष्य भारत में आदमगढ़ (होशंगाबाद, म. प्र. ) तथा बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) से मिले हैं।

 

5. मध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिले, वह स्थान है-

[A] लंघनाज
[B] आदमगढ़
[C] बीरभानपुर
[D] चोपनी मांडो

सही जवाब: C [ बीरभानपुर ]
टिप्पणियाँ: डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय में 1818 और 1820 में एक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था। यद्यपि थॉमसन ने 1836 ई. में इसी वर्गीकरण के अनुसार, संग्रहालय की वस्तुओं का विवरण प्रकाशित किया था।

 

 

पाषाण काल, प्रागैतिहासिक काल का प्रतीक है. इस काल में मनुष्य पत्थर के औज़ारों का इस्तेमाल करते थे. पाषाण काल की शुरुआत लगभग 2,500,000 ईसा पूर्व में हुई थी और यह लगभग 700,000 साल तक चला. पाषाण काल लगभग 5,000 साल पहले खत्म हुआ. पाषाण काल में लोग पत्थरों पर निर्भर थे. पत्थर के औज़ार, पत्थर की गुफाएं ही उनके जीवन के प्रमुख आधार थे. इस काल में मानव प्राकृतिक आपदाओं से जूझता रहता था और शिकार तथा कन्द-मूल फल खाकर अपना जीवन बसर करता था.

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