दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग)
दक्षिण भारत में चोल, चालुक्य, पल्लव और संगम युग इतिहास के महत्वपूर्ण अध्याय हैं। इन साम्राज्यों ने दक्षिण भारत की राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चोल राज्य: चोल साम्राज्य दक्षिण भारत में विकसित हुआ और 9वीं से 13वीं सदी तक अपने शासनकाल को निरंतर बनाए रखा। यहां का संस्कृति, कला, और शिल्प विकसित था।
चालुक्य राज्य: चालुक्य साम्राज्य ने 6वीं से 12वीं सदी तक दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों पर अपना शासन स्थापित किया। इसकी महत्वपूर्ण राजधानी बदामी थी।
पल्लव राज्य: पल्लव राजवंश 4वीं से 9वीं सदी तक तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में शासन करता रहा। यहां के महान मंदिरों की अवशेष आज भी देखी जा सकती है।
संगम युग: संगम युग काव्य साहित्य के लिए प्रसिद्ध है, जो तमिल भाषा में लिखा गया था। इस युग में कई महान कवि और लेखक जैसे कि तिरुवल्लुवर, नक्कीरर, और बाणभट्ट उत्कृष्ट काव्य रचनाएं करते थे।
1. नवीं शताब्दी ई. में निम्नलिखित में से किसके द्वारा चोल साम्राज्य की नींव डाली गई ?
2. निम्नलिखित में से किस मंदिर परिसर में एक भारी-भरकम नंदी की मूर्ति है, जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ति माना जाता है ?
3. चोलों का राज्य किस क्षेत्र में फैला था ?
4. चोलों की राजधानी थी-
5. चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन के बहुत से ब्यौरे जिन शिलालेखों में हैं, वे कहां हैं?
इन साम्राज्यों ने सांस्कृतिक और शैलीकारी विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और दक्षिण भारतीय सभ्यता को समृद्धि और प्रगति की दिशा में अग्रसर किया।
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