गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग
गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है। इस युग का आरंभ सम्राट चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा ३२३ ईसा पूर्व किया गया था और यह युग लगभग ६०० से ७५० ईसा पूर्व तक चला। गुप्त साम्राज्य के समय में भारतीय सभ्यता का विकास और समृद्धि का काल था। इस
मौर्योत्तर काल
मौर्योत्तर काल भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण युग था, जो प्राचीन भारतीय सभ्यता के उच्चकोटि के रूप में माना जाता है। इस काल में मौर्य साम्राज्य के शासक चंद्रगुप्त मौर्य और उनके पुत्र सम्राट अशोक के अधिकार में भारत में विशाल साम्राज्य की स्थापना हुई। इस युग में भारतीय सभ्यता
मौर्य साम्राज्य
मौर्य साम्राज्य, भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण साम्राज्य था. यह साम्राज्य 322 ईसा पूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य ने स्थापित किया था. यह साम्राज्य वक्षु घाटी से लेकर कावेरी डेल्टा तक फैला था. मौर्य साम्राज्य को देश की पहली केंद्रीकृत शक्ति माना जाता है. इसका प्रशासन बेहद कुशल था. मौर्य सेना दुनिया भर
यूनानी आक्रमण
यूनानियों ने दक्षिण एशिया पर कई बार आक्रमण किया. यूनानी शासक सिकंदर ने भारत पर लगभग 326 ईसा पूर्व में आक्रमण किया था. सिकंदर ने बल्ख क्षेत्र (बैक्ट्रिया) को जीतने के बाद काबुल होते हुए हिंदुकुश पर्वत (खैबर दर्रा) पार कर भारत आया था. सिकंदर के अभियान के बाद, भारत और ग्रीस के
छठीं शती ई.पू. राजनीतिक दशा
छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में 16 महाजनपदों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार और सिंधु घाटी में कई गणराज्यों का अस्तित्व था. इन गणराज्यों में, वास्तविक शक्ति जनजातीय कबीलों के हाथों में थी. छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, मगध महाजनपद उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली महाजनपद बन गया
शैव, भागवत धर्म
शैव धर्म, हिंदू धर्म की एक प्रमुख परंपरा है. यह धर्मशास्त्र मुख्य रूप से भगवान शिव से जुड़ा है. शैव धर्म की उत्पत्ति महाभारत के एक भाग, भागवत पुराण से हुई है. इस पुराण में भगवान शिव की महिमा, विभूतियां, और उनके अनुयायियों की उपासना का वर्णन किया गया है. इसके साथ ही, ब्राह्मण