पूर्व मध्यकाल एक महत्वपूर्ण अवधि थी जो यूरोप और अफ्रीका के इतिहास में आधुनिक युग के पहले प्रमुख अवधारणाओं की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस काल के दौरान विज्ञान, साहित्य, कला, और समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। पूर्व मध्यकाल का काल सामंजस्यपूर्ण और संघर्षपूर्ण था, जिसमें धर्म, सामाजिक प्रणालियाँ, और राजनीतिक अनुशासन के विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।
यह काल भारतीय इतिहास में भी महत्वपूर्ण है, जब धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन एवं विविध साहित्यिक कार्यकलाप हुए। इस काल में भारत में विभिन्न साम्राज्यों की उत्पत्ति हुई, जिनमें गुप्त राजवंश एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
1.निम्नलिखित में से कौन शासक “पृथ्वीराज चौहान” के नाम से प्रसिद्ध है ?
[A] पृथ्वीराज प्रथम
[B] पृथ्वीराज तृतीय
[C] पृथ्वीराज द्वितीय
[D] उपर्युक्त में से कोई नहीं
सही जवाब: B [ पृथ्वीराज तृतीय ]
टिप्पणियाँ: अजमेर का शासक पृथ्वीराज तृतीय ( 1177-1192 ई.) ही ‘पृथ्वीराज चौहान’ के नाम से प्रसिद्ध है, जिसने 1191 ई. में तराइन के प्रथम युद्ध में मुहम्मद गोरी को पराजित किया था, परंतु 1192 ई. में तराइन | के द्वितीय युद्ध में उसकी पराजय हुई थ
2. ताम्रपत्र लेख दर्शाते हैं कि प्राचीन काल में बिहार के राजाओं का संपर्क था-
[A] बर्मा से
[B] थाईलैंड से
[C] कंबोडिया
[D] जावा- सुमात्रा से
सही जवाब: D [ जावा- सुमात्रा से ]
टिप्पणियाँ:पालवंशी शासक देवपाल बौद्ध मतानुयायी था। लेखों में उसे ‘परमसौगात’ कहा गया है। उसने जावा के शैलेंद्रवंशी शासक बालपुत्रदेव के अनुरोध पर उसे नालंदा में एक बौद्ध विहार बनवाने के लिए पांच गांव दान में दिए थे।
3. सुवर्णभूमि का वह राजा कौन था, जिसने नालंदा में एक बौद्ध विहार की स्थापना की तथा उसके रख-रखाव हेतु अपने दूत द्वारा देवपाल से पांच गांव दान में देने के लिए प्रार्थना की ?
टिप्पणियाँ: सुवर्णभूमि के शासक बालपुत्रदेव ने नालंदा में एक बौद्ध विहार की स्थापना की तथा उसके रख-रखाव हेतु अपने दूत द्वारा देवपाल से पांच गांव देने के लिए प्रार्थना की थी।
4. गोविंदचंद्र गहड़वाल की एक रानी कुमारदेवी ने धर्मचक्र-जिन विहार कहां बनवाया था ?
[A] बोधगया
[B] राजगृह
[C] कुशीनगर
[D] सारनाथ
सही जवाब: B [ राजगृह ]
टिप्पणियाँ: गोविंदचंद्र गहड़वाल की रानी कुमारदेवी बौद्ध मतानुयाई थीं। उन्होंने सारनाथ में धर्मचक्र – जिन विहार बनवाया था। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
5. हम्मीर महाकाव्य में चौहानों को बताया गया है-
[A] चंद्रवंशी
[B] ब्राह्मण
[C] यदुवंशी
[D] सूर्यवंशी
सही जवाब: D [ सूर्यवंशी ]
टिप्पणियाँ: हम्मीर महाकाव्य में चौहानों को सूर्यवंशी बताया गया है। हम्मीर महाकाव्य और पृथ्वीराज विजय के अनुसार, चौहान सूर्य के पुत्र चाहमान नामक अपने पूर्वज के वंशज थे। वे चार अग्निकुलों में से एक थे।
पूर्व मध्यकाल ने भारतीय समाज और संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं का उद्भव हुआ।