प्राचीन साहित्य में महाकाव्य “रामायण” और “महाभारत” महत्वपूर्ण हैं, जो कि धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को सार्थकता और अर्थ प्रदान करते हैं। इसके अलावा वेद, उपनिषद, पुराण, रामचरितमानस, भगवद्गीता, आदि भारतीय साहित्य के प्रमुख ग्रंथ हैं।
प्राचीन साहित्यकारों में वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, सुद्रक, भास, भाण, कलिदास, अष्टाध्यायी, पाणिनि, आदि नामों का उल्लेख है। इन साहित्यकारों ने अपने लेखन कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति, दर्शन, और समाज को विस्तारपूर्वक व्याख्यान किया और लोगों को धार्मिक और मानवीय मूल्यों को समझाया।
1. ‘इतिहास के पिता’ की पदवी सही अर्थों में निम्न में से किससे संबंधित है ?
टिप्पणियाँ: यूनानी लेखक हेरोडोटस ( 5वीं शती ई.पू.) को ‘इतिहास का पिता’ कहा जाता है। ‘हिस्टोरिका उसकी प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसमें 5वीं शती ई.पू. के भारत-फारस संबंधों का विवरण (अनुश्रुतियों के आधार पर) मिलता है।
2. मुद्राराक्षस का लेखक निम्न में से कौन है ?
[A] अश्वघोष
[B] विशाखदत्त
[C] कालिदास
[D] भास
सही जवाब: B [ विशाखदत्त ]
टिप्पणियाँ:मुद्राराक्षस की रचना विशाखदत्त ने की थी। इस ग्रंथ से मौर्य इतिहास, मुख्यतः चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन पर प्रकाश पड़ता है।
3. दशकुमारचरितम के रचनाकार थे-
[A] सूरदास
[B] दंडिन
[C] तुलसीदास
[D] कालिदास
सही जवाब: B [ दंडिन ]
टिप्पणियाँ: संस्कृत में लिखा गया गद्य उपन्यास ‘दशकुमारचरित’, कवि दंडी ने लिखा था. माना जाता है कि यह सातवीं से आठवीं शताब्दी ईस्वी में लिखा गया था. दंडी को संस्कृत का पहला गद्यकार भी कहा जाता है.
4. दशकुमारचरित किसने लिखा ?
[A] भारवि ने
[B] बिल्हण ने
[C] दंडी ने
[D] सोमदेव ने
सही जवाब: C [ दंडी ने ]
टिप्पणियाँ: संस्कृत साहित्य में कवि दंडी ने दशकुमारचरित लिखा है. यह संस्कृत का पहला गद्यकार इसी गद्य के कारण दंडी को कहा जाता है. माना जाता है कि यह सातवीं से आठवीं शताब्दी ईस्वी में लिखा गया.
5. ‘कुमारसंभव’ महाकाव्य किस कवि ने लिखा ?
[A] बाणभट्ट
[B] हरिषेण
[C] चंदबरदाई
[D] कालिदास
सही जवाब: D [ कालिदास ]
टिप्पणियाँ: महाकाव्य कुमारसंभव की रचना प्रसिद्ध कवि कालिदास ने की थी. इसे संस्कृत के पंच महाकाव्यों में गिना जाता है. इस महाकाव्य में शिव-पार्वती के विवाह और कुमार कार्तिकेय के जन्म की कथा वर्णित है. सत्रह सर्गों में निबद्ध इस महाकाव्य के पांचवें सर्ग में शिव की प्राप्ति के लिए पार्वती की घोर तपस्या का वर्णन है.
प्राचीन साहित्य का मतलब है, छठी शताब्दी के सामान्य युग (सीई) से पहले लिखी गई कोई भी रचना. ये रचनाएं हमें प्राचीन सभ्यताओं के बारे में जानकारी देती हैं. प्राचीन भारतीय साहित्य में हिन्दू धार्मिक ग्रंथों की अहम भूमिका रही है. इनमें वेदों के साथ-साथ रामायण और महाभारत जैसे महाग्रंथ शामिल हैं.