प्राचीन साहित्य एवं साहित्यकार
प्राचीन साहित्य में महाकाव्य “रामायण” और “महाभारत” महत्वपूर्ण हैं, जो कि धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को सार्थकता और अर्थ प्रदान करते हैं। इसके अलावा वेद, उपनिषद, पुराण, रामचरितमानस, भगवद्गीता, आदि भारतीय साहित्य के प्रमुख ग्रंथ हैं।
प्राचीन साहित्यकारों में वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, सुद्रक, भास, भाण, कलिदास, अष्टाध्यायी, पाणिनि, आदि नामों का उल्लेख है। इन साहित्यकारों ने अपने लेखन कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति, दर्शन, और समाज को विस्तारपूर्वक व्याख्यान किया और लोगों को धार्मिक और मानवीय मूल्यों को समझाया।
1. ‘इतिहास के पिता’ की पदवी सही अर्थों में निम्न में से किससे संबंधित है ?
2. मुद्राराक्षस का लेखक निम्न में से कौन है ?
3. दशकुमारचरितम के रचनाकार थे-
4. दशकुमारचरित किसने लिखा ?
5. ‘कुमारसंभव’ महाकाव्य किस कवि ने लिखा ?
प्राचीन साहित्य का मतलब है, छठी शताब्दी के सामान्य युग (सीई) से पहले लिखी गई कोई भी रचना. ये रचनाएं हमें प्राचीन सभ्यताओं के बारे में जानकारी देती हैं. प्राचीन भारतीय साहित्य में हिन्दू धार्मिक ग्रंथों की अहम भूमिका रही है. इनमें वेदों के साथ-साथ रामायण और महाभारत जैसे महाग्रंथ शामिल हैं.
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